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नैतिक अधिकार व कानूनी अधिकार | हैटफील्ड, लॉक, बेंथम

अधिकार  अधिकार व्यक्ति का वह दवा है जो वह समाज से करता है व समाज से प्राप्त करता है व शासन द्वारा लागू किया जाता है । परंतु प्रत्येक दावा अधिकार नहीं हो सकता अधिकार मानव समाज में आधुनिक युग की देन है और मानवीय इतिहास में अधिकारों की प्राप्ति के लिए लंबा संघर्ष देखा…

political theory

शक्ति के तीन चरण | Steven Lukesh Power: A Radical View

शक्ति: एक उग्रवादी दृष्टिकोण  (Power:  A Radical View) By:- Steven Lukesh परिचय Steven Lukesh अपनी किताब पावर आफ रेडिकल व्यू में शक्ति के विभिन्न चरणों का उल्लेख करते हैं । वह शक्ति के संबंध में पद्धति गत सिद्धांत एक और राजनीतिक दृष्टिकोण को अपनाते हैं । शक्ति के संबंध में Morton s. Baratz  का प्रसिद्ध…

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शक्ति की अवधारणा | फूको का पेनऑप्टिकन (Panopticism) मॉडल

Panopticism By:- बेंथम फूको की शक्ति की अवधारणा का वर्णन बेंथम ने की है तथा वे पेनऑप्टिकन को प्रस्तुत करते हैं। वह कहते हैं कि हम उस सिद्धांत को जानते हैं जिस पर यह परिधि आधारित था। एक कुंडलाकार ईमारत जिसके केंद्र में एक टावर स्थापित है। इस टावर को चोडी खिड़कियों के साथ स्थापित किया…

जातिवाद और भारतीय राजनीति | Casteism and Indian Politics
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जातिवाद और भारतीय राजनीति | Casteism and Indian Politics

प्रोफेसर वी.के. मेनन का कहना है कि स्वतन्त्रता प्रप्ति के बाद से राजनैतिक क्षेत्र में जातिवाद का प्रभाव दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। जहाँ सामाजिक और धार्मिक क्षेत्रों में जाति की शक्ति घटी है वहाँ राजनीति और प्रशासन में वद्धि हुई है। रजनी कोठारी का इस विषय में मत है कि –  प्रथम, कोई भी सामाजिक…

अल्पसंख्यकों की राजनीति
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अल्पसंख्यकों की राजनीति | POLITICS OF MINORITIES

 अल्पसंख्यकों की राजनीति राष्ट्रीय इकाइयों और अल्पसंख्यकों की समस्या भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन की अन्यतम समस्या थी। भाषाई अल्पसंख्यकों, मुसलमानों, सिखों, आदि में जैसे-जैसे राजनीतिक जागरण आया वैसे-वैसे राजनीतिक स्वाधीनता के लिए किए गए राष्ट्रीय आन्दोलन और स्वाधीन भारत की भावी राज-व्यवस्था की दृष्टि से यह प्रश्न विशिष्ट और निर्णायक महत्व का हो गया। अल्पसंख्यकों…

साम्प्रदायिकता | Communalism
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साम्प्रदायिकता | Communalism

 साम्प्रदायिकता का अर्थ ‘साम्प्रदायिकता’ शब्द का साधारण अर्थ सामाजिक-धार्मिक समूह की वह प्रवत्ति है जिसके अनुसार वह अपनी सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक शक्ति के दूसरे ऐसे ही समूहों की तुलना में बढ़ाता है। विसेट स्मिथ के अनुसार, एक साम्प्रदायिक व्यक्ति या व्यक्ति-समूह वह है जो कि प्रत्येक धार्मिक या भाषायी समूह को एक ऐसी पथक…

मतदान व्यवहार | Voting Behaviour
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मतदान व्यवहार | Voting Behaviour

चुनावों का महत्व (Importance of Elections) चुनाव ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनती है और किसी हद तक उन पर नियन्त्रण भी रखती है। चुनावों के महत्व अथवा ‘चुनावों के कार्यों को इस प्रकार रेखांकित किया जा सकता है : 1) जनता अपने शासकों का चयन करती है (People Elect their…

राज्यों का पुनर्गठन | Reorganization of states
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राज्यों का पुनर्गठन | Reorganization of states

 राज्यों का एकीकरण और पुनर्गठन भारतीय संघ का निर्माण दो प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप हुआ:-ब्रिटिश काल के दौरान प्रशासनिक विकेंद्रीयकरण और सम्राट के सत्ताधिकारों का धीरे-धीरे विस्तार उन भारतीय रियासतों द्वारा प्रभुसत्ता का (स्वेच्छा या जोर-जबरदस्ती से) समर्पण जिन पर 1947 तक ब्रिटिश सम्राट की सर्वोपरिता थी।  भारतीय रियासतों ने अपनी प्रभुसत्ता का समर्पण अपनी इच्छानुसार…

राजनीतिक दलीय व्यवस्था | Political party system
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राजनीतिक दलीय व्यवस्था | Political party system

भारत की स्वतंत्रता के पश्चात राजनीतिक दलीय व्यवस्था  भारतीय स्वतंत्रता के दौरान दलीय व्यवस्था में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, अखिल भारतीय मुस्लिम लीग, अखिल भारतीय दलित वर्ग संघ, अखिल भारतीय अनुसूचित जाति संघ और, भारतीय साम्यवादी दल राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली थे, वहीं क्षेत्रीय स्तर पर पंजाब में अकाली दल, मद्रास में द्रविड़ मुनेत्र कषगम, पूर्व…

लोक प्रशासन का विकास (पाँच चरण)
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लोक प्रशासन का विकास (पाँच चरण)

एक शैक्षिक विषय के रूप में लोक प्रशासन के विकास का इतिहास तकरीबन 115 वर्ष पुराना है अपितु एक गतिविधि के रूप में लोक प्रशासन उतना ही पुराना है जितनी की सभ्यता। प्रशासन की जड़ें प्राचीन ग्रंथ महाभारत या रामायण से लेकर कौटिल्य के अर्थशास्त्र, मैक्यावली के “द प्रिंस” में दिखाई देती हैं। यह मुख्यता…