वैश्विक न्याय क्या है | वैश्विक न्याय पर रॉल्स के विचार | वैश्विक न्याय पर अमृत्यसेन के विचार | DU notes
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वैश्विक न्याय क्या है | वैश्विक न्याय पर रॉल्स के विचार | वैश्विक न्याय पर अमृत्यसेन के विचार | DU notes

वैश्विक न्याय राजनीतिक सिद्धान्तों में एक ऐसा मुद्दा है जो इस धारणा पर आधारित है कि ‘हम – एक न्यायपूर्ण संसार में नहीं रहते।’ (We do not live in a just world)। इस समय संसार में अधिकतर लोग अत्यधिक गरीब है जबकि अन्य अत्यधिक समृद्ध। कई अभी भी तानाशाही शासकों के अन्तर्गत जी रहे हैं। अनगिनत लोग…

वितरणकारी न्याय क्या है | Distributive justice
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वितरणकारी न्याय क्या है | Distributive justice

अरस्तू की धारणा उसकी सिद्धांत नींव रखने वाली सिद्ध हुई. जिसको ‘वितरणकारी न्याय‘ कहा जाता है। अरस्तू की व्याख्या का महत्त्वपूर्ण निहितार्थ यह है कि न्याय या तो ‘वितरणात्मक होता है अथवा दोषनिवारक‘: पूर्ववर्ती अपेक्षा करता है कि समानों के बीच समान वितरण हो और परवर्ती वहाँ लागू होता है, जहाँ किसी अन्याय का प्रतिकार किया जाता है।   वह…

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राजनीतिक समानता क्या है | Political Equality

राजनीतिक समानता का अर्थ है, नागरिकों के राजनीतिक अधिकारों (Political Rights) की समानता। इसका अभिप्राय है, निर्णयन संस्थाओं (Decision-Making Bodies) में समानता के आधार पर प्रतिनिधित्व का अधिकार, अर्थात् ‘एक व्यक्ति, एक वोट‘ (One Man, One Vote) के नियम का पालन। इसमें यह विचार भी निहित है कि किसी व्यक्ति को जन्म, लिंग या धर्म के आधार पर राजनीतिक पद प्राप्त करने से नहीं…

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समतावाद पृष्ठभूमि की असमानतायें तथा भेदमूलक सिद्धांत

समतावाद राजनीतिक दर्शन में चिन्तन की एक प्रवृत्ति है। समतावादी किसी न किसी प्रकार की समानता की बात करते हैं जैसे लोगों को समान वस्तुयें मिलनी चाहिए. उनके साथ समानता का व्यवहार किया जाना चाहिए, या उनका समान आदर किया जाना चाहिए आदि। शब्द इंगलीटेरियनिज़म (egalitarianism) फ्रेंच शब्द ‘गल’ (egal) से निकलता है जिसका अर्थ होता है सूमान् एक…

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न्याय , प्रक्रियात्मक न्याय क्या है | जॉन रॉल्स का न्याय-सिद्धांत

 न्याय का अर्थ न्याय की अवधारणा संबंधी किसी भी चर्चा में उसके बहु-आयामी स्वभाव का ध्यान रखना पड़ता है। न्याय क्या है’ का जवाब सिर्फ उन मापदण्डों (मूल्यों) का संकेत करके ही दिया जा सकता है, जिनके सहारे मनुष्य ने न्याय के बारे में सोचा और सोचता रहेगा। यह वक्त गुजरने के साथ ही बदल जाता है।…

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औपचारिक समानता ऑर अवसर की समानता

समानता सामाजिक, आर्थिक, नैतिक व राजनीतिक दर्शन संबंधी मूल संकल्पनाओं में, समानता की संकल्पना से आधिक भ्रामक और विस्मयकारी कोई और नहीं, क्योंकि यह न्याय, स्वतंत्रता, अधिकार, स्वामित्व, आदि सदृश अन्य सभी संकल्पनाओं में गण्य है। गत दो हजार वर्षों के दौरान, यूनानवासियों, प्राचीन यूनानी दर्शनशास्त्र के अध्येताओं, ईसाई पादरियों द्वारा समानता के अनेक आयामों का विस्तारपूर्वक प्रतिवादन किया गया, जिन्होंने भिन्न-भिन्न रूप से और सामूहिक रूप…

नकारात्मक और सकारात्मक स्वतंत्रता | Negative and Positive Liberty
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नकारात्मक और सकारात्मक स्वतंत्रता | Negative and Positive Liberty

साधारणतः स्वतंत्रता की मांग इस आधार पर की जाती है कि ‘मनुष्य विवेकशील प्राणी है’ (‘Man is a rational creature’)। इस विचार की व्याख्या करते हुए जे.आर. ल्यूकस ने ‘द प्रिंसिपल्स ऑफ़ पॉलिटिक्स’ (राजनीति के सिद्धांत) (1976) के अंतर्गत लिखा है : “स्वतंत्रता का तात्त्विक अर्थ यह है कि विवेकशील कर्ता (Rational Agent) को जो कुछ सर्वोत्तम प्रतीत हो, वही कुछ करने में वह समर्थ…