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भारतीय राज्य का उदय पूर्व औपनिवेशिक राज्य से आधुनिक राज्य तक (भाग-2) | सुदीप्त कविराज

आधुनिकता से हमें मौलिक विचारात्मक परिवर्तन देखने को मिलता है। जो कि बौद्धिक संस्कृति से राज्य के विचार में देखने को मिलता है। यूरोपियन भारतीय आधुनिकता के प्राथमिक स्रोत रहे हैं। यूरोपियन संदर्भ में मार्क्सवाद के विचार के अनुसार पूंजीवाद राज्य की प्रकृति के बदलाव की पहली प्रक्रिया है। यूरोपियन आधुनिकता राजनीतिक दलों के माध्यम…

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भारतीय राज्य का उदय पूर्व औपनिवेशिक राज्य से आधुनिक राज्य तक | थॉमस पैंथम

भारतीय राष्ट्र राज्य के विकास को मुख्यतः दो विचारको के माध्यम से समझा जा सकता है। थॉमस पैंथम और सुदिप्ता कविराज दोनों विचारक सिद्धांत व  विचार तथा विचारधारा व अभ्यास के आधार पर अपने अपने विचारों को प्रस्तुत करते हैं। भारतीय राज्य का उदय पूर्व औपनिवेशिक राज्य से आधुनिक राज्य तक थॉमस पैनथम के अनुसार…

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निष्पक्षता के रूप में न्याय जॉन रॉल्स के विचार | Justice as fairness

निष्पक्षता के रूप में न्याय By:- John Rawls परिचय  Justice as fairness की मूल स्थिति सामाजिक अनुबंध के पारंपरिक सिद्धांत में प्रकृति की स्थिति से मेल खाती है। इसे एक विशुद्ध रूप से काल्पनिक स्थिति के रूप में समझा जाता है । इस स्थिति की आवश्यक विशेषताओं में यह है कि कोई भी व्यक्ति समाज…

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डिओन्टोलॉजिकल एथिक्स अर्थ, प्रकार और इसके सिद्धांत | Deontological Ethics

डिओनटोलॉजीकल एथिक्स परिचय डिओनटोलॉजी शब्द ग्रीक शब्दों से कर्तव्य और विज्ञान के लिए निकला है नैतिक दर्शन में डिओनटोलॉजी आचरण शास्त्र उन प्रकार के आदर्श सिद्धांतों में से एक है जिनके बारे में विकल्प नैतिक रूप से आवश्यक है निषिद्ध है या इनको अनुमति दी गई है दूसरे शब्दों में डिओनटोलॉजी नैतिक सिद्धांतों के क्षेत्र…

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समानता पर एलिजाबेथ एंडरसन के विचार | What is the point of equality

समानता के मुख्य बिन्दु क्या हैं? What is the Point of Equality? By:- Elizabeth Anderson परिचय समतावादी राजनीतिक आंदोलनों द्वारा ऐतिहासिक रूप से अपने उद्देश्यों की कल्पना की है समतावादी राजनीतिक आंदोलन पदानुक्रम का विरोध करते हैं वे व्यक्तियों के समान नैतिक मूल्य पर जोर देते हैं इस दावे का अर्थ यह नहीं है की…

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अवसर की समानता जॉन रॉल्स के विचार | Equality of opportunity

अवसर की समानता (Equality of opportunity) By:- Rawls अवसर की समानता का अर्थ है किसी भी प्रकार के वंशानुगत तथा विशेष वर्ग की अनुपस्थिति । अर्थात समाज में लोगों के बीच भेदभाव करने के कोई कृतिम आधार नहीं होने चाहिए जैसे- जन्म, धर्म, जाति, रंग, व लिंग, आदि । ताकि समाज में योग्यता को प्रोत्साहन…

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समानता का मूल्य ( Value of Equality ) | समानता का विचार बर्नार्ड विलियम्स

Value of Equality  (Bernard Williams) समानता का विचार समानता का विचार राजनीतिक वाद विवाद में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह प्रमुख रूप से दो विचारों का प्रतिपादन करता है:- दोनों ही विचार अपना महत्व रखते हैं। एक तरफ माना जाता है कि यह राजनीतिक कार्यवाही के सामाजिक विचारों और कार्यक्रमों का समर्थन करता है तथा…

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गणतंत्रीय स्वतंत्रता पर क्वेंटिन स्किनर के विचार

 Quentin Skinner गणतंत्रीय स्वतंत्रता  (Republican Liberty) Skinner की स्वतंत्रता को समकालीन राजनीतिक सिद्धांत की व्याख्या करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। Skinner ने रिपब्लिक लिबर्टी और नेगेटिव फ्रीडम में समानजस्य स्थापित किया है । समकालीन राजनीतिक सिद्धांत और मैकियावेली की ऐतिहासिक व्याख्या दोनों संदर्भ को अपनी अवधारणा में शामिल किया है । Skinner…

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स्वतंत्रता पर उदारवादी विचार (Freedom and Market) | Libertarians

Freedom and Market आर्थिक व्यवस्था में स्वतंत्रता आर्थिक व्यवस्था में राज्य का कोई भी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए । इस सिद्धांत के प्रतिपादक मुख्यता उदारवादी थे। उदारवाद एक ऐसा सिद्धांत या विचारधारा थी जिसने स्वतंत्रता समानता और अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया था। उदारवाद का मानना था कि व्यक्ति तार्किक प्राणी है जो नैतिक व…

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सकारात्मक और नकारात्मक स्वतंत्रता MacCallum के विचार |

 Gerald C. MacCallum सकारात्मक और नकारात्मक स्वतंत्रता  (Positive & Negative Freedom) MacCallum के अनुसार समाज में स्वतंत्रता की उपस्थिति या अनुपस्थिति के लिए उत्पन्न विवाद लगभग 4 प्रकार से संबंधित हैं- MacCallum के अनुसार जब भी कुछ एजेंट या एजेंटों की स्वतंत्रता पर सवाल उठता है तो यह हमेशा कुछ बाधाओं या प्रतिबंधों से मुक्ति,…