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राजनीति, प्रशासन और द्विभाजन | जेम्स स्वरा के विचार

Politics administration and dichotomy By_ Jamesh H. Svara लोक प्रशासन प्रशासक एवं राजनीतिक नेताओं के मध्य संबंध को प्रदर्शित करता है । इस संबंध की प्रकृति एवं प्रशासकों की क्या भूमिका है यह एक महत्वपूर्ण विवाद का विषय रहा है ।  Stillman (1997):-  प्रशासकीय वैधानिकता की चिंता सबसे अधिक अमेरिका में है जहां पर लोकतांत्रिक…

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सीरियलिटी बाउंड और अनबाउंड

आधुनिक युग में सामूहिक विषयक गठन की समस्या को भौतिक (Material), संस्थागत (Institutional) तथा असंबंधता पर आधारित किया गया है जो कि दो प्रकार की विपरीत क्रमबद्धता (Seriality) उत्पन्न करती है जिसे हम बाउंड तथा अनबॉउंड के नाम से जानते हैं । अनबॉउंड सीरियलिटी का उद्भव प्रिंट मार्केट मुख्यतः अखबारों में तथा प्रचलित प्रदर्शनों के…

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दल और दलीय व्यवस्था का उदय | अमेरिका, फ्रंस, ब्रिटेन, भारत

The emergence of party and party system प्रत्यक्ष लोकतंत्र आज की दुनिया में बस अव्यावहारिक रह गया है क्योंकि राज्य का क्षेत्रफल बहुत बड़े हैं और नागरिकों के काफी बड़े अंश के लिए सार्थक और सतत रूप से कोई भी राजनीतिक प्रश्न पर एक साथ विचार-विमर्श नहीं हो सकता। प्रत्यक्ष निर्णय लेने के बजाय मतदाताओं…

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उत्तर-औपनिवेशिक समाजों में राज्य | हमजा अलवी

The state in Post- Colonial societies: Pakistan & Bangladesh By_ Hamza Alavi  इस लेख का उद्देश्य उत्तर औपनिवेशिक समाजों के संदर्भ में राज्य के शास्त्रीय मार्क्सवादी सिद्धांत के बारे में कुछ बुनियादी सवाल उठाना है । यह तर्क उत्तर उपनिवेशवादी समाजों की ऐतिहासिक विशिष्टता पर आधारित है । इसमें हमजा अल्वी ने पाकिस्तान और बांग्लादेश…

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लोकतंत्र एक राज्य के रूप में | Democracy as a type of state

परिचय अतुल कोहली अपने इस लेख में प्रमुख रूप से दो बिंदुओं पर जोर देते हैं पहला “लोकतंत्र एक राज्य के रूप में” जिसके अंतर्गत विभिन्न या मुख्यतः तीन प्रकार के राज्यों का वर्णन करते हैं । दूसरा “Causal theory & methodology” इसके अंतर्गत वह अपने causal theory का वर्णन करते हैं तथा इसकी causal…

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राष्ट्रवाद के सिद्धांत और बहस

Nationalism  By_ Umut Ozkirimli परिचय राष्ट्रवाद की तुलना में किसी भी राजनीतिक सिद्धांत ने आधुनिक दुनिया के चेहरे को आकार देने में अधिक प्रमुख भूमिका नहीं निभाई है । दुनिया भर में लाखों लोगों ने स्वेच्छा से अपनी पित्र भूमि के लिए अपना जीवन लगा दिया है । Elestain  के अनुसार इस तरह का अतिवाद…

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विकसित और अल्पविकसित विवाद पर A. G. फ्रैंक के विचार

Political Economy: The Development of Underdevelopment  By_ Ander gunder Frank अंडर गुंडर फ्रैंक मुख्य रूप से अल्प विकसित देशों के भूतकालीन अर्थव्यवस्था और सामाजिक इतिहास के अध्ययन पर जोर देते हैं, की क्या कारण था जिससे यह देश अल्पविकसित रहे । फ्रैंक का मानना है इन देशों के इतिहास को नजरअंदाज करना हमें इस तरफ…

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तुलनात्मक राजनीति में विभिन्न मुद्दे और विधियाँ | Issues & Methods

Functional Equivalence की धारणा प्रत्यक्ष रूप से फंक्शन से आई है। इसका यह विचार है कि राजनीतिक प्रणाली आवश्यक रूप से निश्चित मूल कार्यों में सहयोग करते हुए, कार्य उन्मुख एक महत्वपूर्ण स्तर में पहुंच जाती है। विशेष रूप से दो माध्यमों से जोर देकर स्पष्ट करते हैं कि पहला:- विभिन्न संरचनाएं एक प्रकार से…

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प्रॉब्लमैटिक ऑफ इंटरनेशन justin rosenberg के विचार

अंतर्राष्ट्रीय सिद्धांत निर्माण की प्रक्रिया में अनिश्चितता का अध्ययन व उसके विषय वस्तु के अध्ययन में क्या समस्याएं आ जाती हैं? अंतरराष्ट्रीय संबंध की विषय वस्तु अंतरराष्ट्रीय है। जैसे अंतरराष्ट्रीय संबंध को राजनीतिक विज्ञान की उपशाखा माना जाता है परंतु अंतरराष्ट्रीय संबंध की विषय वस्तु अलग है, परंतु प्रश्न यह है कि इसकी विषय वस्तु…

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राजनीतिक यथार्थवाद मोर्गेन्थाऊ के सिद्धांत: – एक नारीवादी सुधार | ऐन टिकनर

जे एन टिकनर ने अपने लेख “ए फेमिनिस्ट फॉर्मूलेशन” की शुरुआत इस कथन से करती हैं कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति एक पुरुषों का विश्व है। यह शक्ति तथा संघर्ष का विश्व है जिसमें युद्ध, कला, एवं विशेष अधिकार कृत गतिविधियां हैं अर्थात परंपरागत रूप में कूटनीतिक और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के विज्ञान पर विशेष रूप में पुरुषों…