तुलनात्मक राजनीति में विभिन्न मुद्दे और विधियाँ | Issues & Methods
Functional Equivalence की धारणा प्रत्यक्ष रूप से फंक्शन से आई है। इसका यह विचार है कि राजनीतिक प्रणाली आवश्यक रूप से निश्चित मूल कार्यों में सहयोग करते हुए, कार्य उन्मुख एक महत्वपूर्ण स्तर में पहुंच जाती है। विशेष रूप से दो माध्यमों से जोर देकर स्पष्ट करते हैं कि
पहला:- विभिन्न संरचनाएं एक प्रकार से कार्य कर सकती हैं।
दूसरा:- एक तरह की संरचनाएं विभिन्न प्रकार से कार्य कर सकती हैं।
कार्यात्मक तुल्यता की जांच कार्य व भूमिका की भिन्नता के विश्लेषण से होकर गुजरती है इसी तरह का निष्पादन विभिन्न देशों में विभिन्न अवयवों के द्वारा हो सकता है। इसी तरह यह तुलनात्मक संस्थाएं अलग-अलग देशों में विभिन्न कार्यों को पूरा कर सकती हैं । कई जगह जनजातियां, राजनीतिक भर्तियों को सम्मिलित राजनीतिक पार्टी के रूप में धारण करती है………….
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Comparing to escape from Ethnocentrism
किसी पुराने दार्शनिक का विचार है कि स्वयं का ज्ञान दूसरों के ज्ञान से प्राप्त किया जाता है । जिसकी पुष्टि बहू प्रकार की तुलनाओ से होती है । हीगल राज्य पर स्पष्ट करता है कि “चेतना स्वयं को दूसरे में तथा दूसरों को स्वयं में पहचानती है” ।
व्यक्तियों के लिए जो सच है वह समाज के लिए और भी अधिक है अन्य राष्ट्रों के बिना एक राष्ट्र नहीं हो सकता। यह विभिन्नता वास्तव में एक दूसरे के पहचान पर जागरूक करती है । इसे कई उदाहरणों द्वारा समझाया जा सकता है। फ्रीडमैन…………
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