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प्राचीन और आधुनिक स्वतंत्रता की अवधारणा | बेंजामिन कांस्टेंट

प्राचीन और आधुनिक स्वतंत्रता बेंजामिन कांस्टेंट ने अपने लेख “the liberty of the ancient campare with that of the modern”  में प्राचीन तथा आधुनिक स्वतंत्रता का वर्णन किया है तथा इसके मध्य के अंतर को भी स्पष्ट किया है । इन्होंने प्राचीन स्वतंत्रता को मुख्यता ग्रीक सिटी स्टेट जैसे स्पार्टा, एथेंस, रूमालिया, व आधुनिक स्वतंत्रता…

उदारवाद क्या है | सम्पूर्ण जानकारी
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उदारवाद क्या है | सम्पूर्ण जानकारी

उदारवाद का उदय समुच रूप में उदारवाद एक महाकाय आन्दोलन था. जिसने पश्चिमी यरोप के देशों तथा अमेरिका में अपने अस्तित्व को महसूस कराया था. परन्त उसका मुख्य विकास इंग्लैण्ड में ही हो पाया था। यह इग्लण्ड तथा स्पेन में भी सशक्त रहा। जर्मनी में उदारवादी दर्शन अधिकांशतः विद्वतापूर्ण ही रहा। फ्रांस म, इग्लण्ड की…

राजनीति क्या है | राजनीति की व्याख्या विभिन्न दृष्टिकोण
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राजनीति क्या है | राजनीति की व्याख्या विभिन्न दृष्टिकोण

अरस्तु ने कहा था कि मनुष्य एक राजनीतिक प्राणी है। अरस्तु की दृष्टि में राजनीति मनुष्य के संपूर्ण अस्तित्व को समेट लेती है, संक्षेप में दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा की स्थिति में समाज के दुर्लभ संसाधनों पर अपना प्रभुत्व और नियंत्रण स्थापित करने के प्रयास को राजनीति की संज्ञा दी जाती है राजनीति के क्षेत्र में वही…

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राजनीतिक सिद्धांत क्या है | मानकीय व वर्णात्मक दृष्टिकोण

परिचय राजनीतिक और सिद्धांत दो अलग-अलग पहलू है इसके तथा इसके अर्थों को समझना आवश्यक है तभी हम संयुक्त रूप से इन दोनों के अर्थ को समझ पाएंगे की राजनीति सिद्धांत क्या है। राजनीति– राजनीति अपने आप में व्यापक हैं अर्थात यह उन सभी मामलों को सम्मिलित करता है जो लोग जीवन पब्लिक लाइफ से…

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नैतिक अधिकार व कानूनी अधिकार | हैटफील्ड, लॉक, बेंथम

अधिकार  अधिकार व्यक्ति का वह दवा है जो वह समाज से करता है व समाज से प्राप्त करता है व शासन द्वारा लागू किया जाता है । परंतु प्रत्येक दावा अधिकार नहीं हो सकता अधिकार मानव समाज में आधुनिक युग की देन है और मानवीय इतिहास में अधिकारों की प्राप्ति के लिए लंबा संघर्ष देखा…

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शक्ति की अवधारणा | फूको का पेनऑप्टिकन (Panopticism) मॉडल

Panopticism By:- बेंथम फूको की शक्ति की अवधारणा का वर्णन बेंथम ने की है तथा वे पेनऑप्टिकन को प्रस्तुत करते हैं। वह कहते हैं कि हम उस सिद्धांत को जानते हैं जिस पर यह परिधि आधारित था। एक कुंडलाकार ईमारत जिसके केंद्र में एक टावर स्थापित है। इस टावर को चोडी खिड़कियों के साथ स्थापित किया…

प्रक्रियात्मक लोकतंत्र क्या है?
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प्रक्रियात्मक लोकतंत्र क्या है?

प्रक्रियात्मक लोकतंत्र  (Procedural Democracy) वृहत् व जटिल समाजों में, लोगों के लिए यह हमेशा संभव नहीं होता कि हरेक मामले पर निर्णय करने के लिए एक साथ मिल बैठे, जैसा कि वे प्राचीन एथेंस के प्रत्यक्ष लोकतंत्र में करते थे। यही कारण है कि आधुनिक लोकतंत्र प्रतिनिधि संस्थाओं के माध्यम से काम करता है। लोग…

प्रतिनिधित्व और सहभागिता | Representation and Participation
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प्रतिनिधित्व और सहभागिता | Representation and Participation

 प्रतिनिधित्व और सहभागिता  वर्तमान समय में अधिकांश लोकतंत्रों की प्रकृति अप्रत्यक्ष और प्रतिनिधिमूलक ही है। बहरहाल, यह एक महत्वपूर्ण । सवाल है कि प्रतिनिधित्व करने का क्या अर्थ है? क्या एक प्रतिनिधि होने का अर्थ डेलिगेट होना है, अर्थात् क्या इसका अर्थ अपने मतदाताओं की इच्छाओं को आवाज़ देना है? हालाँकि, एक व्यापक भौगोलिक क्षेत्र…

विमर्शी लोकतंत्र क्या है
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विमर्शी लोकतंत्र क्या है

 विचारणात्मक लोकतंत्र (विमर्शी लोकतंत्र ) विचारणात्मक लोकतंत्र या विचार-विमर्शमूलक लोकतंत्र के सिद्धांत को 1990 के दशक के आरंभिक वर्षों से विशेष लोकप्रियता मिली है। इसके प्रवर्तकों में जे. कोहेन एवं – जे. रॉजर्स (ऑन डेमोक्रेसी: टुवार्ड ए ट्रांस्फार्मेशन ऑफ़ – अमेरिकन सोसायटी)(1983) और एस.एल. हली (नेचुरल रीजन्सः पर्सनैलिटी एंड पॉलिटी) (1989) का विशेष – स्थान है।…

लोकतंत्र का इतिहास | लोकतंत्र का विस्तार  व  लोकतंत्रिकरण
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लोकतंत्र का इतिहास | लोकतंत्र का विस्तार व लोकतंत्रिकरण

लोकतंत्र का “आधुनिकता की विशेषतासूचक संस्थाओं’ में से एक के रूप में वर्णन किया गया है, और ऐसा माना जाता है कि यह वैचारिक, सामाजिक तथा आर्थिक परिवर्तन की जटिल व अन्तर्गुथित प्रक्रियाओं का परिणाम था। ब्रिटेन में इस परिवर्तन का संकेत औद्योगिक क्रांति से मिला जो अठारहवीं शती के मध्य में आरम्भ हुई, जबकि…