प्राचीन और आधुनिक स्वतंत्रता की अवधारणा | बेंजामिन कांस्टेंट
प्राचीन और आधुनिक स्वतंत्रता
बेंजामिन कांस्टेंट ने अपने लेख “the liberty of the ancient campare with that of the modern” में प्राचीन तथा आधुनिक स्वतंत्रता का वर्णन किया है तथा इसके मध्य के अंतर को भी स्पष्ट किया है । इन्होंने प्राचीन स्वतंत्रता को मुख्यता ग्रीक सिटी स्टेट जैसे स्पार्टा, एथेंस, रूमालिया, व आधुनिक स्वतंत्रता को फ्रांस, अमेरिका ,ब्रिटेन, के संदर्भ में समझाने का प्रयास किया है ।
बेंजामिन कांस्टेंट एक ऐसी स्वतंत्रता की बात करते हैं जिसका अभ्यास (”the exercise”) प्राचीन लोगों को प्रिय था तथा बाद की तरह की स्वतंत्रता (the Enjoyment) जो विशेष रूप से आधुनिक राज्यों के लिए अनमोल थी । इनका कहना है कि प्राचीन लोगों की प्रतिभागीता एक कलेक्टिव पावर के रूप में थी जबकि आधुनिक लोगों की प्रतिभागीता व्यक्तिगत थी ।
प्राचीन लोगों की स्वतंत्रता एक सक्रिय एवं प्रतिभागी स्वतंत्रता थी जो केवल सामुदायिक रूप से Express की जा सकती थी, मुख्य रूप से युद्ध तथा शांति, लीगल जजमेंट, रोंलीफिकेशन, पनिशमेंट आदि।
Miller तर्क देते हैं कि इस प्रकार बेंजामिन कांस्टेंट की प्राचीन स्वतंत्रता की राजनीतिक स्वतंत्रता जुड़ी हुई थी । बेंजामिन कांस्टेंट प्राचीन लोगों में इनसिक्योरिटी की बात भी करते हैं जो संकीर्ण territory का परिणाम थी जबकि आधुनिक स्वतंत्रता में territory बड़ी होने के कारण कॉमर्स तथा ट्रैड को प्रोत्साहन दिया जाता था ।
स्वतंत्रता
कांस्टेंट के अनुसार स्वतंत्रता को लेकर विचारको में मतभेद है । विचारको ने अपने अपने दृष्टिकोण से इसे परिभाषित करने का प्रयास किया है:-
उदारवादी विचारकों के अनुसार (हॉब्स, लॉक):- इनके अनुसार स्वतंत्रता का अर्थ “absence of impediments” है।
रूसो:- “immunity from arbitrary : political independence”
किंतु स्वतंत्रता का संबंध उन सामाजिक, राजनीतिक, नैतिक, सिद्धांतों से है जो मनुष्य को संचालित करने अपनी स्वतंत्र इच्छा का अभ्यास करने तथा अपने कार्यों के प्रति उत्तरदाई बनाते हैं ।
Frederic bastiat का कहना है कि “ liberty should be seen as a cluster of freedom” अर्थात यह एक फ्रांसीसी चिंतक थे उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता किस प्रकार से क्लस्टर ऑफ फ्रीडम है तथा इस संबंध में इन्होंने तीन प्रकार की स्वतंत्रता की बात कही-
इन्होंने स्वतंत्रता के संबंध में एक और बिंदु पर ध्यान आकर्षित किया । यह है कि व्यक्ति की स्वतंत्रता तभी तक क्लस्टर ऑफ फ्रीडम में है जब तक कि वह किसी दूसरे की स्वतंत्रता को हानि ना पहुंचाए ।
Hobbes– ने अपनी पुस्तक “लेवियाथान” में स्वतंत्रता का तात्पर्य बाहरी रुकावटों का ना होना बताया है ।
अतः इस प्रकार से स्वतंत्रता के संबंध में प्राचीन चिंतकों का अपनी अलग-अलग राय है । बेंजामिन कांस्टेंट प्रमुख रूप से इन्हीं विचारों का आधुनिक विचारों से तुलना करने का प्रयास करते हैं ।
प्राचीन और आधुनिक स्वतंत्रता के बीच अंतर
बेंजामिन कांस्टेंट ने अपने 1816 के लेख में प्राचीन और आधुनिक स्वतंत्रता का गहन अध्ययन व अनुभव के पश्चात इन के बीच अंतर स्पष्ट करने का प्रयास किया है-
बेंजामिन कांस्टेंट का मानना था कि प्राचीन समय में सामूहिक स्वतंत्रता पर बल दिया जाता था । प्राचीन समय में स्वतंत्रता लोक क्षेत्र से संबंधित थी । वहीं पर व्यक्ति का महत्व एक समुदाय के रूप में था परंतु आधुनिक समय में व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर बल दिया गया है ।
प्राचीन समय में प्रतिनिधित्व सरकार नहीं थी बल्कि वहां पर राजतंत्र या मनमानी करने वाली तानाशाही सरकार थी । उस समय राजनीति में धर्म का महत्वपूर्ण स्थान था। पोप, चर्च, आदि के पास असीमित शक्तियां होती थी तथा लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं थी ।
जबकि इसके विपरीत प्रतिनिधित्व सरकार आधुनिक खोज है । प्राचीन समय में स्वतंत्रता का अर्थ वर्तमान समय की प्रतिनिधित्व सरकार से बिल्कुल अलग था ।
बेंजामिन कांस्टेंट का मानना था कि प्राचीन समय में संकीर्ण भौगोलिक क्षेत्र होने के कारण वहां पर युद्ध की स्थिति बनी रहती थी । जिसके परिणाम स्वरूप वहां पर असुरक्षा की भावना बनी रहती थी जबकि इसके विपरीत आधुनिक समय में भौगोलिक क्षेत्र बहुत बड़े हैं जो स्पार्टा और रोम की तुलना में बहुत बड़े हैं । यहां व्यापार और वाणिज्य को प्राथमिकता दी जाती है और वाणिज्य धर्म व नैतिकता की उन्नति के द्वारा समझा जाने लगा कि सभी मनुष्य राज्य में एक स्वतंत्र नागरिक के रूप में जन्म लेते हैं ।
आधुनिक समय में असुरक्षा की चिंता नहीं होती क्योंकि व्यक्ति की सुरक्षा करना राज्य का कर्तव्य बन जाता है तथा राज्य की सेवा व सुरक्षा करना व्यक्ति या राज्य के नागरिकों का दायित्व बनता है ।
आधुनिक स्वतंत्रता
बेंजामिन कांस्टेंट आधुनिक स्वतंत्रता के बारे में निम्नलिखित विशेषताओं का वर्णन करते हैं-
प्राचीन स्वतंत्रता
बेंजामिन कांस्टेंट ने प्राचीन स्वतंत्रता की निम्नलिखित विशेषताएं बताई हैं-
प्राचीन समय में सामूहिकता के आधार पर युद्ध शांति, लीगल जजमेंट, रोटीफिकेशन, पनिशमेंट के बारे में निर्णय दिए जाते थे ।
Miller “introduction in liberty” में कहते हैं बेंजामिन कांस्टेंट निम्न प्रकार से प्राचीन स्वतंत्रता को राज्य की स्वतंत्रता से जोड़ते हैं-
वह कहते हैं कि प्राचीन समय में सामूहिक शक्ति ही महत्वपूर्ण थी तथा व्यक्ति को समूह के रूप में ही स्वतंत्रता मिली हुई थी । व्यक्ति को विचार, अभिव्यक्ति, कार्य का चयन करने की भी स्वतंत्रता नहीं थी । यहां पर व्यक्ति सार्वजनिक क्षेत्र में स्वतंत्र होता था परंतु निजी क्षेत्र में (“दास”)। एक कलेक्टिव बॉडी का होकर वह व्यक्तिगत रूप से निर्णय नहीं ले सकता था केवल विवश होकर सारी परिस्थितियों को देखता रहता था ।
प्राचीन स्वतंत्रता सीमित व संक्रिन स्वतंत्रता थी।
यदि भौगोलिक रूप से प्राचीन व आधुनिक राज्यों की तुलना करें तो प्राचीन समय में राज्यों के आकार बहुत छोटे छोटे होते थे। वहां पर सबसे शक्तिशाली जनसंख्या वाले देश का आकार उतना नहीं होता था जितना कि आधुनिक समय में सबसे छोटे राज्यों का होता है ।
युद्ध इन राज्यों की प्रमुख विशेषता थी जबकि आधुनिक राज्य आकार में भी बड़े होते हैं तथा आधुनिक राज्य को प्रमुख धारणा शांति होती है तथा इसके लिए यह राज मिलकर संगठन भी बनाते हैं।