|

समतावाद पृष्ठभूमि की असमानतायें तथा भेदमूलक सिद्धांत

समतावाद राजनीतिक दर्शन में चिन्तन की एक प्रवृत्ति है। समतावादी किसी न किसी प्रकार की समानता की बात करते हैं जैसे लोगों को समान वस्तुयें मिलनी चाहिए. उनके साथ समानता का व्यवहार किया जाना चाहिए, या उनका समान आदर किया जाना चाहिए आदि। शब्द इंगलीटेरियनिज़म (egalitarianism) फ्रेंच शब्द ‘गल’ (egal) से निकलता है जिसका अर्थ होता है सूमान् एक…

|

न्याय , प्रक्रियात्मक न्याय क्या है | जॉन रॉल्स का न्याय-सिद्धांत

 न्याय का अर्थ न्याय की अवधारणा संबंधी किसी भी चर्चा में उसके बहु-आयामी स्वभाव का ध्यान रखना पड़ता है। न्याय क्या है’ का जवाब सिर्फ उन मापदण्डों (मूल्यों) का संकेत करके ही दिया जा सकता है, जिनके सहारे मनुष्य ने न्याय के बारे में सोचा और सोचता रहेगा। यह वक्त गुजरने के साथ ही बदल जाता है।…

|

औपचारिक समानता ऑर अवसर की समानता

समानता सामाजिक, आर्थिक, नैतिक व राजनीतिक दर्शन संबंधी मूल संकल्पनाओं में, समानता की संकल्पना से आधिक भ्रामक और विस्मयकारी कोई और नहीं, क्योंकि यह न्याय, स्वतंत्रता, अधिकार, स्वामित्व, आदि सदृश अन्य सभी संकल्पनाओं में गण्य है। गत दो हजार वर्षों के दौरान, यूनानवासियों, प्राचीन यूनानी दर्शनशास्त्र के अध्येताओं, ईसाई पादरियों द्वारा समानता के अनेक आयामों का विस्तारपूर्वक प्रतिवादन किया गया, जिन्होंने भिन्न-भिन्न रूप से और सामूहिक रूप…

नकारात्मक और सकारात्मक स्वतंत्रता | Negative and Positive Liberty
|

नकारात्मक और सकारात्मक स्वतंत्रता | Negative and Positive Liberty

साधारणतः स्वतंत्रता की मांग इस आधार पर की जाती है कि ‘मनुष्य विवेकशील प्राणी है’ (‘Man is a rational creature’)। इस विचार की व्याख्या करते हुए जे.आर. ल्यूकस ने ‘द प्रिंसिपल्स ऑफ़ पॉलिटिक्स’ (राजनीति के सिद्धांत) (1976) के अंतर्गत लिखा है : “स्वतंत्रता का तात्त्विक अर्थ यह है कि विवेकशील कर्ता (Rational Agent) को जो कुछ सर्वोत्तम प्रतीत हो, वही कुछ करने में वह समर्थ…