लोक प्रशासन का परिचय | अर्थ, परिभाषा , उपागम
लोक प्रशासन
लोक प्रशासन दो शब्दों से मिलकर बना है। लोक व प्रशासन लोक का अर्थ है सरकार , जबकि प्रशासन शब्द लैटिन भाषा के एडमिनिस्टर शब्द से निकलता है जिसका अर्थ है किसी संस्था या वस्तु की देखभाल व सेवा करना। इस प्रकार लोक प्रशासन का अर्थ है सरकार द्वारा लोगों या नागरिकों की सेवा व देखभाल करना।
वुडरो विल्सन को लोक प्रशासन का जनक माना जाता है। वुडरो विल्सन का मानना है कि राजनीति और प्रशासन दोनों अलग-अलग होते हैं क्योंकि राजनीति का कार्य है कानून निर्माण जबकि प्रशासन का कार्य है कानूनों का क्रियान्वयन करना।
विभिन्न विचारकों के द्वारा लोक प्रशासन की परिभाषा
ड्वाइड वाल्डो:– वाल्डो के अनुसार एक लाइन या एक अनुच्छेद में लोक प्रशासन को परिभाषित करने का तात्कालिक अर्थ और उत्तेजना नहीं बल्कि मानसिक दिवालियापन होता है और एक लाइन की परिभाषा से मनुष्य का ज्ञान संकुचित होता है।
ई. एन. म्लेडन :– प्रशासन शब्द थोड़ा बड़ा वाह कदाचित आडंबर पूर्ण है लेकिन इसका अर्थ बहुत ही सीधा साधा है इसका मतलब है लोगों की चिंता या देखभाल करना। यह सजग लक्ष्य को पाने का सुनिश्चित कदम है।
फेलिक्स ए. निग्रो:– प्रशासन किसी लक्ष्य को पाने हेतु मनुष्य व पदार्थों का संगठन व इस्तेमाल है।
हेनरी फेयोल:– हेनरी फेयोल का कहना है कि लोक प्रशासन का अर्थ है सरकार की कार्यपालिका के कार्य का अध्ययन करना।
फिफनर:- फिफनर हेनरी फयोल की बात को काटता है और कहता है कि लोक प्रशासन का अर्थ केवल कार्यपालिका के कार्य का अध्ययन करना नहीं है बल्कि न्यायपालिका व विधायिका से भी संबंधित है।
एल. डी. व्हाइट:– लोक प्रशासन उन सभी तरह की प्रक्रियाओं को समाहित करता है जिनके द्वारा लोक कानून को लागू किया जाता है तथा उनके लक्ष्य को पूरा किया जाता है।
लूथर गुर्लिक:– प्रशासन का संबंध सुनिश्चित लक्ष्य को पूरा करने हेतु कार्य को संपन्न करने से है।
लोक प्रशासन की परिभाषा
फेलिक्स ए. निग्रो के अनुसार लोक प्रशासन को निम्न बिंदुओं के द्वारा रेखांकित किया जा सकता है:-
1. लोक प्रशासन तमाम समूहों का एक सहयोगी प्रयास होता है अर्थात लोक प्रशासन में कोई व्यक्ति मालिक नहीं होता है या लोक प्रशासन में किसी एक व्यक्ति के द्वारा कार्य नहीं किया जा सकता है। लोक प्रशासन तमाम समूहों के सहयोग से अपनी नीति और लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
2. लोक प्रशासन सरकार के तीनों अंगों के कार्यों को समाहित करता है अर्थात लोक प्रशासन में सरकार के तीनों अंगों के कार्यों को शामिल किया जाता है। हेनरी फेयोल के अनुसार लोक प्रशासन केवल कार्यपालिका के कार्य का अध्ययन करता है जबकि फिफनर इस बात को नकारते हुए मानते हैं कि लोक प्रशासन तीनों अंगों के कार्य समाहित करता है।
3. लोक प्रशासन का लोक नीति के निर्माण में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लोक नीति का अर्थ है सरकार के द्वारा किए गए कार्य जैसे कानूनों का निर्माण, सुधार अथवा संशोधन इत्यादि।लोक नीति के निर्माण में दो तरह की कार्यपालिका भाग लेती है- (1) स्थाई कार्यपालिका व (2) अस्थाई कार्यपालिका।
अस्थाई कार्यपालिका:- स्थाई कार्यपालिका जिसे राजनीतिक कार्यपालिका भी कहते हैं। इसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है और यह लोगों की मांग पर ध्यान देती है वह नीति निर्माण के समय लोक हितों का ध्यान रखती है।
स्थाई कार्यपालिका:- स्थाई कार्यपालिका सबसे पहले डाटा इकट्ठा करती है फिर उस पर शोध करती है उस शोध के आधार पर प्राथमिकता बनाते हैं और लोग नीति का निर्माण करते हैं बिना लोक प्रशासन के लोक नीति का निर्माण संभव नहीं है।
4. प्रशासन महत्वपूर्ण रूप से निजी प्रशासन से भिन्न है लोक प्रशासन अपने स्वरूप और कार्यक्षेत्र को लेकर निजी प्रशासन से भिन्न है लोक प्रशासन के संसाधनों पर किसी एक व्यक्ति का प्रभुत्व नहीं होता है बल्कि समाज के सभी व्यक्तियों का प्रभुत्व होता है लेकिन निजी प्रशासन के संसाधनों पर व्यक्ति विशेष का प्रभुत्व होता है। लोक प्रशासन को लालफीताशाही के माध्यम से इंगित किया जा सकता है लेकिन निजी प्रशासन में इसका अभाव होता है लोक प्रशासन निष्पक्ष रूप से काम करता है जबकि निजी प्रशासन पक्षपात पूर्ण से काम करता है लोक प्रशासन का उद्देश्य विकास करना है जबकि निजी प्रशासन का उद्देश्य लाभ कमाना है।
5. लोक प्रशासन तमाम तरह के समूहों व व्यक्तियों से जुड़ा होता है और जो कि विभिन्न समुदायों को सेवाएं मुहैया कराता है। और इस प्रकार लोक प्रशासन में सरकारी और गैर सरकारी दोनों तरह के संस्थाओं का अध्ययन शामिल होता है जिनका लोकहित से महत्वपूर्ण रूप से जुड़ा होता है।
लोक प्रशासन की विभिन्न परिभाषाएं (दृष्टिकोण)
J.M shafriz, E.W.eurela व C.P Borickl ने अपनी पुस्तक “लोक प्रशासन का परिचय” में लोक प्रशासन को चार दृष्टिकोण से परिभाषित किया है:-
1. लोक प्रशासन की राजनीतिक परिभाषा:-
इसमें लोक प्रशासन को चार प्रकार से परिभाषित किया जाता है-
लोक प्रशासन उन सारी प्रक्रियाओं को कहते हैं जो कार्य सरकार के द्वारा किए जाते हैं। इसका तात्पर्य है कि जो भी काम सरकार करती है वह लोग प्रशासन है। वह सभी कार्य जिससे समाज का विकास हो लोगों का कल्याण हो वह सभी कार्य लोक प्रशासन है।
लोक प्रशासन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों है लोक प्रशासन के प्रत्यक्ष रूप में आता है राजस्व, आय , कानून और व्यवस्था क्योंकि कानून और व्यवस्था लोक प्रशासन के द्वारा लागू हो सकता है। मतदान और जनगणना भी लोक प्रशासन के प्रत्यक्ष क्षेत्र में आते हैं। अप्रत्यक्ष क्षेत्र में लोक प्रशासन दो भागों में बांटे जा सकते हैं। (1) आर्थिक (2) सामाजिक। अंततः वैश्वीकरण के युग में लोक प्रशासन प्रत्यक्ष भी है और अप्रत्यक्ष भी है।
लोक प्रशासन लोक नीति के निर्माण का चरण है लोक प्रशासन लोकनीति के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है लोक प्रशासन के बिना लोक नीति का निर्माण संभव नहीं है। लोक नीति का अर्थ है सरकार द्वारा लोक कल्याण के कार्य करना।
लोक प्रशासन लोकहित के निर्माण का चरण है लोक प्रशासन सदैव लोक कल्याण को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेते हैं ताकि लोगों का विकास हो।
2. लोक प्रशासन की कानूनी परिभाषा:-
लोक प्रशासन कानून का कार्यरत रूप है अर्थात लोक प्रशासन कानून के आधार पर कार्य करता है। वह कानून का उल्लंघन नहीं करता है लोक प्रशासन कानून को बहुत महत्व देता है। लोक प्रशासन कार्य की निष्पक्षता से पूर्ण करता है यह भेदभाव नहीं करता है कानून का उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है।
लोक प्रशासन एक चोरी है:- अराजकतावादियों का मानना है कि लोक प्रशासन एक चोरी है। सरकार लोगों से पैसा लेकर दूसरे लोगों पर खर्च करती है। सरकार जनता से विभिन्न प्रकार के कर प्राप्त करती है और फिर उन करो से प्राप्त आय को नेताओं पर खर्च करती है।
3. लोक प्रशासन की प्रबंधिकीय परिभाषा :-
लोक प्रशासन सरकार की कार्यपालिका के अंतर्गत आने वाले कार्य को कहते हैं। इस परिभाषा के अनुसार सरकार की कार्यपालिका के अंतर्गत जो भी कार्य किए जाते हैं वह निर्णय लिए जाते हैं वह लोक प्रशासन है।
लोक प्रशासन नियमों का क्रियान्वयन करता है। लोक प्रशासन नियमों का निर्माण करता है लोक प्रशासन नियम निर्माण करते समय लोगों के हितों को ध्यान में रखता है। लोक प्रशासन निष्पक्ष रुप से नियम कानून का निर्माण करता है ताकि वह नियम सभी व्यक्तियों पर समान रूप से लागू हो तथा कोई पक्षपात ना हो।
4. लोक प्रशासन का व्यवसायिक परिभाषा:-
लोक प्रशासन एक व्यवसाय है:- लोक प्रशासन एक व्यवसाय है क्योंकि लोक प्रशासन में जितने व्यक्ति कार्य करते हैं वह उस काम के बदले में वेतन की मांग करते हैं ताकि वह अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
लोक प्रशासन एक अध्ययन क्षेत्र है:- अर्थात लोक प्रशासन के अंतर्गत सरकार के तमाम कार्य का अध्ययन किया जाता है कि सरकार कौन-कौन से कार्य करेगी वह कौन-कौन से निर्णय लेगी उसका अध्ययन करना लोक प्रशासन का कार्य है।
लोक प्रशासन आदर्शवाद का कार्यरत रूप है क्योंकि लोक प्रशासन तमाम तरह की आदर्शवादी भावनाओं से जुड़ा होता है।