स्वायतत्ता के रूप में स्वतंत्रता | J.S Mill On Freedom and Power
स्वायतत्ता के रूप में स्वतंत्रता
(Freedom as Autonomy)
By:- Bruce Baum
R.H. Hultion 1859 में मिल के “ऑन लिबर्टी” को सकारात्मक रूप में देखकर नकारात्मक परिप्रेक्ष्य में अध्ययन करते हैं । शक्ति एवं स्वतंत्रता का संबंध एकदम विपरीत दिखाई पड़ता है क्योंकि शक्ति हमेशा स्वतंत्रता की राह में बाधा की तरह दिखाई पड़ती है । परंतु मिल ने शक्ति एवं स्वतंत्रता दोनों के सकारात्मक नकारात्मक पक्षों को उजागर किया ।
Bruce Baum के अनुसार मिल स्वतंत्रता की समझ को स्वाधीनता और स्वशासन के अर्थों में ही सबसे बेहतर तरीके से समझा जा सकता है । मिल इस बात को दोहराते हैं कि कैसे किसी एक व्यक्ति की शक्ति अन्य व्यक्तियों की स्वतंत्रता को सीमित करती है ?,
शक्ति एवं स्वतंत्रता के इन अंतर्संबंध को चार तरीके से समझाते हैं:-
1. व्यक्ति का स्वयं के चरित्र पर खुद की शक्ति लेना उसकी पूर्ण स्वतंत्रता के लिए सबसे जरूरी है । इसका संबंध व्यक्ति की नैतिकता एवं स्वायतत्ता की क्षमता, अपने विचारों के प्रतिपादन की क्षमता, एवं स्वयं की इच्छाओं को पूरा करने की काबिलियत से है ।
2. स्वतंत्रता के लिए वस्तुगत संसाधन एवं अवसरों की उपलब्धता होना भी जरूरी है ताकि व्यक्ति अपने लक्ष्य एवं उद्देश्यों को पूरा कर सके ।
3. व्यक्ति की मानसिक स्थिति एवं स्वायतत्ता ही उसके विकास की शक्तियां हैं ।
4. मिल स्व-संबंधित मसलों में व्यक्ति की संप्रभुता पर काफी जोर देते हैं इसके साथ ही उनकी स्वतंत्रता की समझ में व्यक्ति की स्वशासन की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेना भी शामिल है । जिसके अंतर्गत व्यक्ति सामूहिक निर्णय निर्माण प्रक्रिया में समाज के भीतर स्थापित संबंधों के अनुसार भाग लेता है ।
मिल के अनुसार स्वतंत्रता के समक्ष कुछ अहम बाधाएं इस प्रकार की होती हैं:-
- वैधानिक बाधाएं
- मनोवैज्ञानिक बाधाएं
यह व्यक्ति की अपनी इच्छाओं एवं मूल्यों को पूरी करने की क्षमताओं को बाधित करती है । व्यक्ति द्वारा अपने कार्यों को करने की राह में………..आगे पढ़ें