डिमाण्ड और कमांड पॉलिटी क्या है


प्रस्तावना 

हम स्वतंत्र भारत में राजनीतिक और अर्थव्यवस्था के बीच परस्पर विरोधी मॉडल का उपयोग करके इनके बीच क्व संबंधों की व्याख्या करते है (कॉमण्ड पॉलिटी) और (डिमाण्ड पॉलिटी) ये मॉडल हमे राज्य सांप्रभुता और लोकप्रिये सांप्रभुता की परस्पर विरोधी आवश्यकताओ के बीच तनाव के बारे में सवाल उठाने की अनुमति देते है।

जो एक तरफ की स्वयत्ता की सीमा और दूसरी तरफ राज्य की जवाबदेही को निर्धारित करता है हम इस तनाव का उपयोग “शासनशीलता” (governability) और “लामबंदी“ (mobilization) के बीच संबंधों को उजागर करने, बचत और उपभोग के बीच, और भविष्य में होने वाले लाभ और खर्चों में निवेश करने के लिए करते है।

डिमाण्ड और कमांड पॉलिटी

डिमाण्ड और कमांड पॉलिटी जो की देश की अर्थव्यवस्था और राजनीति के बीच संबंधों को दर्शाता है :-

डिमाण्ड पॉलिटी में मतदाता नागरिक संप्रभु होते है। चुनावों में पार्टी की प्रतिस्पर्धा के माध्यम से तथा हितों, वर्गों, समुदायों व आंदोलनों द्वारा प्रतिनिधित्व के माध्यम निष्कर्षण और आवंटन संबंधी नागरिकों की प्राथमिकता को दर्शाते है।

कमांड पॉलिटी इसमे स्वायत राज्य संप्रभु होते है तथा इसमे निष्कर्षण और आवंटन संबंधी फैसले चुने गए व नियुक्त किए गए आधिकारिओ द्वारा लिया जाता है जो इन आधिकारिओ की प्राथमिकताओ को दर्शाते है तथा यही नीतियों का चयन और कार्यान्वयन करते है।

डिमाण्ड पॉलिटी अल्पकालिक लक्ष्यों की और उन्मुख है तथा नीतियों को निर्धारित करने व निजी वस्तुओ व सेवाओ को सार्वजनिक हितों मे प्रयोग करने के पक्षधर है तथा यह वृद्धिशील नीति की और भी उन्मुख हैं। जवाबी कमांड पॉलिटी राज्य निर्धारित दीर्घकालिक लक्ष्यों की और उन्मुख होता है  तथा यह लोकहित के कार्यान्वयन व सामूहिक भलाई के प्रधानों की और भी उन्मुख होती है।

कमांड पॉलिटी में तर्कसंगत्ता (Rationality) व्यापक और विस्तृत गणनाओ से प्राप्त होता हैं उपलब्ध उद्देश्यों कर लिए सामाजिक उद्देश्यों से संबंधित है कमांड पॉलिटी के लक्ष्यों, रणनीतियों और नीतियों को तैयार करने व प्राप्त करने की जिम्मेदारी राज्य पर निर्भर होती है।

डिमाण्ड और कमांड पॉलिटिक्स का आर्थिक और राजनीतिक सह:संबंध

आर्थिक और राजनीतिक सहसंबद्ध की इस डिमाण्ड और कमांड पॉलिटी के मॉडल में आर्थिक और राजनीतिक दोनों ही विशेषताए शामिल है।

डिमाण्ड पॉलिटी राजनीतिक रूप से मतदाता संप्रभुता और राज्य की सामाजिक दिशा पर केंद्रीकर्त है जी इसकी प्रमुख विशेषता है जबकि कमांड पॉलिटी राज्य की संप्रभुता और राजनीति पर राज्य का आधिपत्य (वर्चस्व, नियंत्रण) केंद्रीकर्त है। यह इसकी प्रमुख विशेषता है।

डिमाण्ड मॉडल की आर्थिक विशेषता में अल्पलालिक बाजार या राज्य उपभोग (खपत) तथा कल्याण व्यय शामिल है जबकि कमांड मॉडल में “सार्वजनिक सेवाओ/वस्तुओ“ (public jobs) और भविष्य के लोगों के लिए दीर्घकालीक निवेश व्यय को शामिल किया गया है।

डिमाण्ड और कमांड पॉलिटी की राजनीतिक विशेषताए उनकी आर्थिक विशेषताओ द्वारा उठाए गए प्रश्नों के अलावा अन्य प्रश्नों को भी उठती है डिमाण्ड पॉलिटिक्स से शासन को खतरा होता है जबकि (mobilization) स्थापित चैनलों पर हावी हो जाता है।

यह विनियमित संघर्ष और प्रतिनिधित्ववादी बुनियादी ढांचों को खतरे में डालता है, साथ ही साथ यह सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों को भी कमजोर करता है लेकिन फिर भी (mobilization) की कथित जरूरतों और अन्याय को दूर करने के लिए राज्य अपने तरीकों और समर्थन की वैध बनाने के लिए शासन मे योगदान कर सकता है।

डिमाण्ड पॉलिटी का अध्ययन करने के पश्चात यह पता चलता है की गरीब खुद का प्रतिनिधित्व करने में असमर्थ है।  इस तरह के अध्ययन (Reading) ने कुछ भारतीय रजीनीतिक नेताओ और बुद्धिजीवीओ को यह विचार रखने के लिए प्रेरित किया की कमांड पॉलिटी का एक आधिकारीक संस्करण राजनीति की मांग करने के लिए बेहतर था क्योंकि यह राज्य को एक मिश्र, रक्षक और गरीबों के रक्षक के रूप में कार्य करने मे सक्षम बन सकता है।

इसके अतिरिक्ति यह भी सत्य हा की डिमाण्ड पॉलिटी कई गरीबो व कमजोर व्यक्तिोओ को खुद का प्रतिनिधित्व करने व मुखर (Assert) होने का अवसर प्रदान करती है ताकि वे अपने आधिकारों और हितों की रक्षा कर सकें तथा अपने आधिकारों और हितो के लिए विरोध करने के लिए भी सक्षम बनाती है साथ ही साथ “भविष्य की नीतियों” (proper policies) के लाभ में निहित स्वार्थ को सीमित करने में भी सक्षम बनाती है।

डिमाण्ड पॉलिटी से गरीबो का (mobilization) उनके संगठित होने और राजनीतिक प्रक्रियाओं से जुड़े होने पर निर्भर करता है जिससे नीतिगत पसंद और कार्यान्वयन शामिल है। संस्थागत पार्टी का संगठनात्मक आधारभूत ढांचा जो गरीबो को दूसरे से राजनीतिक और नीतिगत प्रक्रिया से जोड़ता है जनमत राजनीति में नेता मतदाताओ से सीधे अपील करके समर्थन और लाभ हासिल करता है।

यह भी पढ़ें:- अर्थवएवस्था और राजनीति के बीच संबंध | कमांड पॉलिटी व डिमाण्ड पॉलिटी

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