कैसे जवाहरलाल नेहरू एक समाजवादी विचारक थे?

नेहरू समाजवादी

जवाहरलाल नेहरू को आधुनिक भारत के वास्तुकार के तौर पर ख्वाति मिली है । राष्ट्रीय स्वतंत्रता के दीर्घकालिक संघर्ष में तथा स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े राजनीतिक नेता के रूप में उनकी विशेष भूमिका रही है । वह पश्चिमी देशों में शिक्षा प्राप्त करने वाले कुलीन भारतीय वर्ग से संबंधित है तथा स्वभाव से वह पूर्णता राष्ट्रवादी थे इसी क्रम में उन्होंने साम्राज्यवाद का विरोध किया ।

नेहरू के साम्राज्यवादी विरोधी दृष्टिकोण की पहली अभिव्यक्ति 1927 के ब्रेसेल्स में मिली। नेहरू ने स्पष्ट तौर पर विचार दिया कि जब तक साम्राज्यवाद का पूरी तरह उन्मूलन नहीं किया जाएगा तब तक मानव जाति को शोषण, उत्पीड़न को झेलना पड़ेगा इतिहास की मार्क्सवादी व्याख्या को उनकी आंशिक स्वीकृति से उन्हें सामाजिक विकास के विश्लेषण की अंतर्दृष्टि मिली । 

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रवादी आंदोलन किसी समझौते के पूंजीवाद विरोध, सामंत विरोधी, बुर्जुआ विरोधी, और निश्चित तौर पर समाजवाद विरोधी नहीं होना चाहिए साथ ही स्वतंत्र भारत में लोकतांत्रिक, समाजवादी, गणतंत्र, की स्थापना इसका एकमात्र उद्देश्य होना चाहिए ।

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