लोक प्रशासन और निजी प्रशासन

लोक प्रशासन और निजी प्रशासन

अर्थ और प्रकृति के माध्यम से लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में अंतर:-

  • अर्थ के रूप में:-  लोक प्रशासन का तात्पर्य है सार्वजनिक प्रशासन जो सभी व्यक्तियों के लिए हो जबकि निजी प्रशासन का अर्थ है व्यक्तिगत प्रशासन जो कुछ लोगों तक सीमित है।
  • प्रकृति के रूप में:-  लोक प्रशासन का क्षेत्र असंकुचित है जबकि निजी प्रशासन का क्षेत्र संकुचित है।
 
लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में अंतर

 

Vanand gos  ने लोक प्रशासन और निजी प्रशासन को पब्लिक और प्राइवेट के आधार पर समझने का प्रयास किया है। इन्होंने इसके तीन मापदंड बताए हैं जो निम्न है-

1. हित:-  हित इस तथ्य को अंकित करता है कि  लोक प्रशासन के संगठन की सफलता और असफलता पूरे समाज के हितों को प्रभावित करती है। लोक प्रशासन में संपूर्ण समाज जुड़ा हुआ है जबकि निजी प्रशासन में कुछ व्यक्तियों से ही जुड़ा होता है।

2. पहुंच:- लोक प्रशासन के संसाधनों पर संपूर्ण समाज की पहुंच सुनिश्चित होती है जबकि निजी प्रशासन के संसाधनों पर कुछ विशेष समूह या व्यक्ति की पहुंच ही होती है।

3. संस्थाएं:- लोक प्रशासन की संस्थाओं पर समाज के प्रत्येक व्यक्ति का स्वामित्व होता है जबकि निजी क्षेत्र की संस्थाओं पर कुछ विशेष व्यक्ति या समूह का स्वामित्व होता है।

कुछ विद्वानों का समूह मानता है कि लोक प्रशासन और निजी प्रशासन समान है:-

गुलिक, उर्विक व टेलर ऐसे विद्वानों का मत है की लोक प्रशासन और निजी प्रशासन समान है। इन विद्वानों का मत है कि केवल इनका नाम अलग-अलग है क्योंकि यह विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हैं। इन लेखकों ने निम्न आधारों पर लोक प्रशासन और निजी प्रशासन को समान बताया है:-

1. संरचनात्मक दृष्टि से:- संरचना की दृष्टि से दोनों में ही प्रशिक्षण दिया जाता है। 

2.कार्यात्मक दृष्टि से:- लोक प्रशासन और निजी प्रशासन दोनों में ही कल्याणकारी कार्य होते हैं।

3. सामाजिक भूमिका की दृष्टि से:– मानववादी व व्यवहारवादी दोनों विचारधारा के समर्थकों का तर्क है कि निजी प्रशासन और लोक प्रशासन दोनों की भूमिका समान है। लोक प्रशासन को लोक कल्याण से जोड़ा जाता है जबकि निजी प्रशासन को लाभ से जोड़ा जाता है। लोक प्रशासन निजी प्रशासन की ओर झुक रहा है क्योंकि लोक प्रशासन का विकास कल्याण से लाभ की तरफ है और निजी प्रशासन का विकास लाभ से लोक कल्याण के  तरफ है। लोक प्रशासन नियम और कानून के आधार पर काम करता है लेकिन अब लोग प्रशासन में लोच शीलता आ गई है। निजी प्रशासन ने लोच शीलता पहले से ही थी।  

कुछ विचारक यह मानते हैं कि लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में अंतर है:-

इस संदर्भ में प्रमुख विचारक हैं-

हर्बर्ट साइमन ने लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में मुख्यता दो  तरह के अंतर स्पष्ट किया है-

पहला-  लोक प्रशासन नौकरशाही के माध्यम से चलता है व लोक प्रशासन का आधार नौकरशाही होता है जबकि निजी प्रशासन व्यवसाय की तरह होता है।

दूसरा-  लोक प्रशासन का स्वरूप राजनीतिक होता है जबकि निजी प्रशासन का स्वरूप गैर राजनीतिक होता है।

F. Nigro के अनुसार लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि लोक प्रशासन का आकार निजी प्रशासन की तुलना में बड़ा है।

S. stamp ने निम्न सिद्धांतों के आधार पर लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में अंतर स्पष्ट करने का प्रयत्न किया है-

1. एक समानता का सिद्धांत:- लोक प्रशासन एक समान नियम और कानून के आधार पर चलता है। जो कार्य एक व्यक्ति के लिए होता है वही दूसरे के लिए भी होता है।

2. बाह्य वित्तीय नियंत्रण:- इसका तात्पर्य है कि लोक प्रशासन  पर विधायिका के माध्यम से नियंत्रण रखते हैं। लोक प्रशासन के खर्चों का नियंत्रण लोगों के द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के माध्यम से किया जाता है।

3. लोक कल्याण का सिद्धांत:- लोक प्रशासन लोगों के कल्याण के लिए कार्य करता है वह लोगों के विकास के लिए कार्यरत है जबकि निजी प्रशासन व्यक्तिगत लाभ के लिए कार्य करता है।

लोक प्रशासन और निजी प्रशासन के अंतर के कुछ सामान्य आधार भी हैं:-

1. प्रकृति:- लोक प्रशासन में राजनीतिक चरित्र होता है कथा उसमें उत्तरदायित्व पाया जाता है लेकिन निजी प्रशासन में राजनीतिक चरित्र नहीं होता है। 

2. कार्य करने की प्रकृति:– लोक प्रशासन निष्पक्ष रुप से काम करता है जबकि निजी प्रशासन पक्षपात पूर्ण से कार्य करता है।

3. क्षेत्र में विभिन्नता:- लोक प्रशासन का कार्य क्षेत्र निजी प्रशासन के क्षेत्र की तुलना में बड़ा होता है।

4. सुरक्षा की सीमा:- लोक प्रशासन में सुरक्षा की सुविधा बहुत ज्यादा है। जीवन के आवश्यक पहलुओं को पूरा करने की कोशिश करता है।

5. सम्मान:- लोक प्रशासन को समाज में जो सम्मान मिलता है वह निजी प्रशासन को नहीं मिलता है।

6. प्रभाव:- देश या राज्य पर लोक प्रशासन का प्रभाव निजी प्रशासन से अधिक होता है।

निष्कर्ष

लोक प्रशासन और निजी प्रशासन अलग-अलग परिस्थितियों में कार्य करती है परंतु अंतर सतही है ना कि वास्तविक। कार्य करने की प्रकृति को लेकर अंतर है किसी ने कोई गुण  ज्यादा है और किसी में कोई अन्य गुण ज्यादा है। ड्वाइड वाल्डो के अनुसार वास्तव में यह एक ही पुल के दो प्रजातियां हैं लेकिन इन दोनों संगठनों के अपने-अपने मूल्य होते हैं जो कि उन्हें विभिन्नता प्रदान करता है। दूसरे शब्दों में लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में प्रभावशीलता का अंतर है। 

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