वितरणकारी न्याय क्या है | Distributive justice
अरस्तू की धारणा उसकी सिद्धांत नींव रखने वाली सिद्ध हुई. जिसको ‘वितरणकारी न्याय‘ कहा जाता है। अरस्तू की व्याख्या का महत्त्वपूर्ण निहितार्थ यह है कि न्याय या तो ‘वितरणात्मक होता है अथवा दोषनिवारक‘: पूर्ववर्ती अपेक्षा करता है कि समानों के बीच समान वितरण हो और परवर्ती वहाँ लागू होता है, जहाँ किसी अन्याय का प्रतिकार किया जाता है। वह…