एथिक्स (Ethics) क्या है? | एथिक्स के विभिन्न सिद्धांत
आज व्यक्ति के द्वारा रोजमर्रा की जिंदगी में सही और गलत का निर्णय चुना जाता है अर्थात ethics को जीवन के सभी स्तरों पर हम देख सकतें हैं। जिसमे हम अपने जीवन से जुड़े फैसले लेने में या किसी कार्य की शुरुआत करने से पहले उस विषय में उसके फायदे और नुकशान के साथ साथ हम ये जरूर सोचतें हैं कि इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा तथा आने वाले समय में इसका क्या परिणाम रहेगा अर्थात ये मेरे लिए उचित है या अनुचित (सही और गलत )।
इस प्रकार एथिक्स हमारे पूरे जीवन में हमे सही मार्ग दिखाने का प्रयास करता है। ये हमारे जीवन के हर पहलू से जुड़ा होता है। अतः इस प्रकार यहां पर एथिक्स को समझना बहुत आवश्यक हो जाता है।
एथिक्स (Ethics) क्या है?
एथिक्स हमें व्यवहार करने के लिए मानकों का एक सेट प्रदान करता है, जो कि हमें विभिन्न परिस्थितियों में कैसे कार्य करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए से अवगत कराता है। अन्य शब्दों में एथिक्स, जिस निर्णय को हम चुनते हैं उसके बारे में तथा उसके कारण के बारे में कि यह हमें क्यों चुनना चाहिए को भी समझाता है । अतः Choice Making में एथिक्स बहुत ही विवादास्पद और भ्रामक रहा है जिसमें धर्म, कानून, और नैतिकता, भी जुड़ा है ।
इस प्रकार सही और गलत तथा अच्छा या बुरा के बारे में निर्णय लेने के लिए तथा इनके बारे में सोचने के लिए कई system of ethics तथा Approach दिए हुए हैं, जैसे:-
- Meta – Ethics
- Normative – Ethics
- Applied – Ethics
Ethics के सिद्धांत
एथिक्स को समझने के लिए मुख्य रूप से तीन प्रमुख सिद्धांत हैं जिनके माध्यम से हम एथिक्स को अच्छी तरीके से समझ सकते हैं यह निम्नलिखित हैं:-
- Consequentialist
- Non-Consequentialist
- Agent Centered
1. Consequentialist
The Utilitarian Approach
इसमें व्यक्ति के अच्छे और बुरे को बैंथम के सिद्धांत से (अधिकतम लोगों का अधिकतम सुख) के साथ जोड़ा गया है । यह व्यक्ति के शुख और दुख पर निर्भर करता है ।
The Egoistic Approach
इस दृष्टिकोण में एक व्यक्ति अक्सर उसके या खुद के लिए सबसे बड़ी मात्रा में उत्पादन करने के लिए उपयोगितावादी गणना का उपयोग करता है । इसके समर्थन में Ayn Rand- “ The Virtue of selfishness” महत्वपूर्ण है।
The Common Good Approach
प्राचीन दार्शनिक प्लेटो और अरस्तू ने भी इसका समर्थन किया था कि हमारी कार्य का योगदान Ethical Common life में होना चाहिए । रूसो ने General Will या सामान्य इच्छा के रूप में इसे देखा था। यह एथिक्स के लिए समाज के पहलुओं को रेखांकित करता है तथा दूसरों को के लिए सम्मान और करुणा पर जोर देता है ।
2. Non- Consequentialist
The Duty Based approach
इसे डिओनटोलॉजिकल एथिक्स भी कहते हैं कांट इसके प्रमुख समर्थक रहे हैं इनके अनुसार एथिकल एक्शन एक कर्तव्य के समान है अर्थात यह ठीक से किया जाता है क्योंकि यह कार्य करना हमारा दायित्व है । कांट ने एथिकल ड्यूटी को Categorical Imperative कहा है ।
The Rights Approach
यह बताता है कि सबसे अच्छी नैतिकता कार्यवाही वह है जो कार्यवाही से प्रभावित लोगों के नैतिक अधिकारों की रक्षा करती है यह इस विश्वास पर जोर देता है कि सभी मनुष्य को गरिमा का अधिकार है ।
The Justice Approach
यह सभी मानव व्यक्ति पर लागू हो सकता है जिसके अनुसार केवल नैतिक सिद्धांत वह हैं जिन्हें समानता की प्रारंभिक स्थिति में स्वतंत्र और तर्कसंगत लोगों द्वारा चुना जाएगा ।
The Divine Command Approach
इसके अनुसार वही सही है जो ईश्वर की आज्ञा के अनुसार है तथा नैतिक मानक यह ईश्वर की इच्छा का निर्माण से निर्मित हुआ है अर्थात Logical Contradiction के सही गलत होने के किसी भी मानक से ईश्वर बाध्य नहीं है ।
3. Agent – Centered
The Virtue Approach
Virtue ethics का संबंध किसी व्यक्ति के जीवन की संपूर्णता से है यह शिक्षा और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को गंभीरता से लेता है और एथिकल डेलिबरेशन के लिए रोल मॉडल के महत्व पर जोर देता है ।
the Feminist Approach
इस दृष्टिकोण के अनुसार नैतिकता के लिए Virtue दृष्टिकोण को पीछे छोड़कर नैतिक विचार विमर्श के लिए महिलाओं और अन्य हासिए के समूहों के अनुभव के महत्व पर जोर देता है । उदाहरण के लिए- Impersonal Justice Approach