पीएचडी के लिए साक्षात्कार की तैयारी कैसे करें?✔️ | क्या करें, क्या ना करें
प्रतिस्पर्धा के इस युग में लोगों के सामने कई तरह की समस्याएं आती है। इस दिशा मे साक्षात्कार भी प्रतिस्पर्धा की देन है। आज के युग में साक्षात्कार एक आम धारणा बन गई है। यह हर क्षेत्र में सामान्य होता चला गया है। चाहे वह कोई नौकरी हो कोई कोर्स हो या फिर दाखिला हो हर जगह साक्षात्कार को अनिवार्य किया जा रहा है। लेकिन समस्या यह है की लोग हर तरह की परीक्षाओ (लिखित) मे तो उत्तरीण हो जाते हें लेकिन जब बारी साक्षात्कार की आती है। तब उनके सामने बड़ी समस्या आती है। तथा उनका मनोबल टूटने लगता है। इन सभी क्षेत्रों मे साक्षात्कार को लेकर बड़ी समस्या बनी रही है।
इस कारण यहाँ साक्षात्कार से संबंधित समस्याओ के निदान की चर्चा की गई है। जिसमे प्रमुख रूप से निम्न विषय शामिल होंगे :
- पीएचडी के लिए साक्षात्कार की तैयारी कैसे करें? (How to prepare for phd interview)
- पीएचडी साक्षात्कार के लिए सुझाव (Phd Interview Tip’s)
- पीएचडी साक्षात्कार के लिए क्या करें क्या न करें? (Phd Interview dos and dont’s)
पीएचडी के लिए साक्षात्कार की तैयारी कैसे करें?
Phd प्रवेश के अंतर्गत साक्षात्कार आपकी रिसर्च क्षमता का आकलन करता है। साथ ही इस साक्षात्कार में आपके शोध विषय पर व्यापक स्तर पर चर्चा व विचार विमर्श किया जाता है। यह साक्षात्कार प्रमुख रूप से औपचारिक प्रकृति का होता है। इस तरह के साक्षात्कार को पास करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओ का अनुसरण किया जा सकता है। जो निम्नलिखित है:-
शोध विषय की सम्पूर्ण जानकारी
पीएचडी साक्षात्कार प्रमुख रूप से आपके शोध प्रस्ताव मे प्रस्तावित विषय पर केंद्रित होता है। यह प्रमुख रूप से विषय उन्मुखी होता है। इसलिए आप जब भी साक्षात्कार में जाएं तब आप अपने विषय की छोटी बड़ी हर तरह की जानकारी से अवगत होकर ही जाएं। अर्थात साक्षात्कार में आपके विषय का पूरी तरह से पोस्टमार्टम किया जाता है। इंटरव्यू पेनल मे बैठे प्रोफेसर आप से कोई भी प्रश्न कैसे भी फेर बदल कर पूछ सकतें हैं। जब तक आपको अपने विषय से संबंधित जानकारी नहीं होगा तब तक आप उनके प्रश्नों का जवाब पूरे मनोबल से नहीं दें सकतें हैं। इसलिए साक्षात्कार के लिए पहली कड़ी शोध विषय की सम्पूर्ण जानकारी का होना है।
सही तरह से लिखित शोध प्रस्ताव
पीएचडी इंटरव्यू के लिए उचित संरचना में लिखित शोध प्रस्ताव का होना बहुत जरूरी है। यह प्रस्ताव प्रमुख रूप से आपके शोध का वर्णन करता है। यह प्रस्ताव ही आपके साक्षात्कार की प्रस्तावना होती है। साक्षात्कार के पूरे समय आपसे इसी प्रस्ताव से प्रश्न किए जाएंगे। इसलिए इस शोध प्रस्ताव का उचित संरचना व स्पष्ट रूप में लिखित होना बहुत जरूरी है। इसके अतिरिक्त यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रोफेसरों के पास आप से पहले आपका प्रस्ताव जाता है। इसलिए यह अच्छी तरह से लिखित व संरचित होना चाहिए।
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प्रस्तावित शोध प्रस्ताव के शब्दों पर पकड़
पीएचडी इंटरव्यू के दौरान आपके द्वारा प्रस्तावित शोध प्रस्ताव पर ही सम्पूर्ण चर्चा केंद्रित होती है। अर्थात इस तरह के साक्षात्कार को पास करने के लिए आपको अपने शोध प्रस्ताव पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए। दूसरे शब्दों में, आपके द्वारा प्रस्ताव में लिखित प्रत्येक विशिष्ट शब्दों का ज्ञान आपको होना चाहिए। आपने अपने शोध प्रस्ताव में कौन- कौन से शब्दों को शामिल किया है। इन्हे क्यों शामिल किया है, तथा इसे कहाँ से लिया है आदि । इन सब बातों की जानकारी आपको होनी चाहिए।
शोध प्रविधि व B.A + M.A की जानकारी
Phd इंटरव्यू के तहत आपसे साक्षात्कार के दौरान आपसे संबंधित विभिन्न क्षमताओ का आकलन करने का प्रयास करतें हैं। इस साक्षात्कार में आपका शोध प्रस्ताव एक निर्णायक भूमिका निभाता है। जबकि इस साक्षात्कार में छात्रों से शोध प्रविधि (Research Methodology) से संबंधित ज्ञान को भी देखने का प्रयास किया जाता है। साथ ही साथ आपने B.A व M.A जिस विषय से किया है, उस विषय से संबंधित जानकारी व ज्ञान रखने की उम्मीद साक्षात्कारकर्ता रखतें हैं।
पीएचडी साक्षात्कार के लिए सुझाव
Phd इंटरव्यू के लिए सबसे पहले आप का मनोबल मजबूत होना चाहिए। आप पीएचडी के लिए जिस विषय को प्रस्तावित कर रहे हैं। उस विषय को लेकर हमेशा मोटिवेट रहे। आप अपने विषय को दूसरे छात्रों के विषयों से तुलना बिल्कुल ना करें क्योंकि यह कार्य कोई परीक्षा देने जैसा नहीं है। इसमें आपकी पसंद बहुत मायने रखती है। तभी आप अपने शोध कार्य को सालों तक कर पाएंगे बिना रुचि के आप एक माह में ही परेशान होकर पीएचडी का सपना छोड़ने का मन बना लेंगे। इन सबके अतिरिक्त पीएचडी साक्षात्कार के दौरान निम्न बातों को आपको ध्यान रखना है;-
अकादमिक शोध के लिए जुनून दिखाएं
छात्रों को पीएचडी साक्षात्कार के दौरान अकादमिक शोध के प्रति अपने जुनून को दिखाने का प्रयास करना चाहिए। यह जुनून अतिरिक्त नहीं होना चाहिए। आपके द्वारा कही गई बातों का और अपने जुनून के बीच बैलेंस होना चाहिए। यह जरूरी है क्योंकि साक्षात्कारकर्ता को यह लगना चाहिए कि यह छात्र शोध, उसकी प्रक्रिया तथा लेखन कार्यों को बहुत अच्छी तरह से जानता है। क्योंकि इसके बिना एक छात्र को 4 से 6 वर्षों तक अपने कार्यों में बना रहना मुश्किल हो जाता है।
अपने शोध विषय को लेकर विभिन्न उदाहरणों के साथ तैयार रहें
पीएचडी साक्षात्कार के दौरान छात्रों को अपने विषय से संबंधित सारी जानकारी होना चाहिए। इसके अतिरिक्त वह अपने विषय से संबंधित अन्य शोध की जानकारी भी रखें। तथा साक्षात्कार के दौरान इंटरव्यू पैनल के सामने उसे उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करें। इससे वहां मौजूद सभी सदस्यों पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा वह आपको इस साक्षात्कार में अच्छे नंबर देंगे।
अपने चयनित विषय में रूचि दिखाएं
पीएचडी साक्षात्कार के दौरान आपको अपने प्रस्तावित विषय पर रुचि दिखानी है। तथा इंटरव्यू पैनल के समक्ष यह दिखाने का प्रयास करना है कि इस विषय को लेकर आप गंभीर हैं, इस विषय पर आप शोध कार्य बहुत प्रभाव कारी तरीके से कर सकते हैं। कई बार इंटरव्यू पैनल आपके समक्ष किसी अन्य विषय का प्रस्ताव भी रख सकती है कि आप इस विषय पर शोध क्यों नहीं करते हम आपको इस विषय से पीएचडी में प्रवेश दे देंगे। ऐसे में आपको उनकी हां में हां नहीं मिलाना है। आपको अपने विषय पर अटल रहना है।
शोध नैतिकता का पालन करें
पीएचडी साक्षात्कार के दौरान छात्रों को शोध नैतिकता का पालन करना चाहिए। अर्थात साक्षात्कार के दौरान उन्हें झूठ या गलत जवाब देने से बचना चाहिए। इंटरव्यू पैनल के सदस्य आपके झूठ या गलत जवाब पर शायद प्रतिक्रिया ना दें या उस वक्त आपको ना टोकें लेकिन वह साक्षात्कार में आपको कम अंक देंगे। क्योंकि वह इसे शोध नैतिकता का उल्लंघन समझेंगे और आपके बारे में यह धारणा विकसित कर लेंगे की यदि यह छात्र इस दौरान शोध नैतिकता का पालन नहीं कर रहा तो अगले 5 से 6 सालों में शोध नैतिकता के पालन करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
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पीएचडी साक्षात्कार के दौरान यह बिल्कुल ना करें
Phd Interview Preparation के दौरान बहुत सी बातों का ध्यान रखना होता है। आपके द्वारा कही गई बातों का बहुत महत्व होता है। तथा आप क्या कह रहे हैं, वह आप अपने को किस रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। यह किसी Phd Interview Preparation के लिए बहुत जरूरी है। यहां उन छात्रों के लिए जो पीएचडी में प्रवेश पाने के लिए साक्षात्कार की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए Phd Interview Preparation से संबंधित तीन ऐसी गलतियों का सुझाव दिया गया है जो अक्सर छात्र पीएचडी इंटरव्यू के दौरान करते हैं। इनको आप ना दोहरा कर अपने साक्षात्कार को प्रभाव कारी बना सकते हैं:-
मैं किसी भी शोध कार्य के लिए प्रतिबद्ध हूं
पीएचडी साक्षात्कार के दौरान छात्रों को ज्यादा भावुक नहीं होना होता है। शोध अपने आप में एक व्यापक आयाम है। कोई भी व्यक्ति किसी भी शोध में पूरी तरह से परिपूर्ण नहीं हो सकता। अर्थात साक्षात्कार के दौरान छात्रों को शोध कार्यों में एक्सपर्ट होने का दावा नहीं करना चाहिए। या आपको ऐसा दिखावा नहीं करना चाहिए कि मैंने बहुत से शोध कार्य किए हैं, अर्थात अब मैं किसी भी तरह के शोध कार्य को बड़ी आसानी से कर सकता हूं। यदि पैनल द्वारा इस संबंध में आपसे प्रश्न भी किया जाता है तो आपको हमेशा मध्यम मार्ग का चयन करना चाहिए ना की किसी विशिष्ट मार्ग का जो आपकी असाधारण क्षमता को प्रतिबिंबित करता हूं।
मैं ही इस विषय के लिए उत्तम हूं
पीएचडी साक्षात्कार के दौरान यह दावा बिल्कुल नहीं करना चाहिए कि मैं ही इस विषय के लिए उत्तम हूं। या ऐसा दिखावा भी नहीं करना चाहिए कि मैं इस विषय का विशेषज्ञ (एक्सपोर्ट) हूं या हो गया हूं। आप यदि अपने आप को इस विषय में ज्ञाता होने का दावा करना चाहते हैं या ऐसा साबित करना चाहते हैं तो आप को प्रत्यक्ष रूप से बोलकर ऐसा नहीं करना है बल्कि आप अपने जवाब में ऐसे तथ्यों को शामिल करना है जिससे इंटरव्यू पैनल में मौजूद सदस्य यह भांप लें कि यह छात्र इस विषय का अच्छा ज्ञाता है।
मैं लेखन व मौखिक कार्यों में उन्नत प्रभाव रखता हूं
पीएचडी साक्षात्कार के दौरान अक्सर छात्र अपने लेखन कार्य भाषा ( हिंदी+ अंग्रेजी) पर अपनी अच्छी पकड़ का दावा करने में लग जाते हैं। तथा वह इसका दिखावा करने लगते हैं परंतु उनके इस प्रतिक्रिया का इंटरव्यू पैनल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिसका परिणाम आपके अंको पर दिखाई पड़ता है। साक्षात्कार के दौरान जब भी कोई ऐसी परिस्थिति आए तब आपको बहुत सोच समझकर बोलना है आप अपनी बड़ाई करने में कभी भी आती ना हो। आप उन्हें सिर्फ अपने कार्य के नाम ( पब्लिकेशन) बता सकते हैं। या आप ने कितने शोध कार्य किए इसको बता सकते हैं। जब तक वह इस संबंध में कोई प्रश्न ना पूछे आपको इस संबंध में कोई जवाब नहीं देना है।
पीएचडी साक्षात्कार के लिए क्या करें क्या न करें?
वह छात्र जो पीएचडी के साक्षात्कार की तैयारी में लगे हैं उनके मन में अक्सर बहुत सारे सवाल घूमते हैं। तथा उनके पास कई बार जानकारियों का भंडार होता है तथा कई बार अभाव होता है। परंतु इन सब में जो सामान्य है वह यह है कि Phd Interview के लिए क्या करें और क्या ना करें। ( Phd interview Dos and Donts)| अर्थात इसी संबंध में यहां कुछ बिंदुओं का वर्णन किया गया है। जिसका आप अनुसरण करके निश्चित रूप से Phd Interview में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
1. पीएचडी साक्षात्कार के लिए क्या करें?
- अपनी काबिलियत व क्षमताओ के प्रति सुनिश्चित रहे।
- अति आत्मविश्वास में ना जाएं। क्योंकि कोई भी व्यक्ति स्वयं में सर्वश्रेष्ठ नहीं होता। इसीलिए आप ऐसा दिखाने का प्रयास ना करें।
- अगर साक्षात्कारकर्ता अपसे कोई मजाकिया सवाल पूछता है, तो आप उसका जवाब बहुत गंभीर होकर ना दें, आप मजाकिया अंदाज में ही दें।
- प्रत्येक छात्र का साक्षात्कार अलग होता है इसीलिए अपनी तैयारी करते समय सतर्क रहें तथा इस अनुभव को जिए और किसी की सलाह को निश्चित रूप से ना माने, बल्कि उसकी सलाह से कुछ सीखने का प्रयास करें।
- प्रश्नों के जवाब देते समय आप उत्तर को “ हां” या “न” में ना दें। इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- आप वाद विवाद के जरिए खुद को तथ्यों व तर्कों के साथ सही साबित करिए। तथा यह बहुत जरूरी है कि आप हमेशा विनम्र बने रहें तथा वहां मौजूद किसी भी सदस्य का अपमान ना करें।
- यह दिखाने का प्रयास करें कि आप अपने विषय व अध्ययन में रुचि रखते हैं। तथा मैं यह कार्य केवल पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने के लिए नहीं करना चाहता।
2. पीएचडी साक्षात्कार के लिए क्या न करें?
- सामान्य प्रश्नों को कम ना समझे जैसे-
- आप भविष्य में क्या करना चाहते हैं?
- आपको पीएचडी की प्रेरणा कहां से मिली?
- आप अपने बारे में क्या सोचते हैं?
- किसी भी प्रश्न का बहुत सामान्य उत्तर ना दें। आप विभिन्न तथ्यों व तर्कों को आधार बनाकर उत्तर दें । इससे उन्हें पता चलेगा कि छात्र उत्तर देने का दिखावा नहीं कर रहा ।
- यह दिखावा ना करें कि आप उन चीजों को जानते हैं जो असल में आप नहीं जानते। यदि आप कुछ चीजों के बारे में नहीं जानते तो उसे सबके सामने स्वीकार करें।
- अगर आपको लगता है कि इंटरव्यू ठीक नहीं चल रहा है तो आप घबराएं नहीं। कई मामलों में यह सिर्फ आपकी व्यक्तिगत धारणा हो सकती है जो गलत हो सकती है।
- ऐसे कपड़े पहन कर मत जाओ जो दूसरों की आंखों में चुभते हो, आप साधारण या फॉर्मल ड्रेस में जा सकते हैं।
- आप बात करते समय अपनी बातों को शब्द जाल बनाकर ना कहें।
- यह ढोंग करने की कोशिश ना करें कि आप वह हैं जो आप नहीं हैं। साक्षात्कार के अंतर्गत दिखावा बिल्कुल ना करें।
- आप ज्यादा मजाकिया बनने का प्रयास ना करें हो सकता है कि उनके पास आप से अलग सेंस ऑफ ह्यूमर हो।
- साक्षात्कार के दौरान ज्यादा इमोशनल ना हो। आप पूरी तरह से उत्साहित हो कर रहे मगर यह अति नहीं होना चाहिए।