औपचारिक समानता ऑर अवसर की समानता
समानता सामाजिक, आर्थिक, नैतिक व राजनीतिक दर्शन संबंधी मूल संकल्पनाओं में, समानता की संकल्पना से आधिक भ्रामक और विस्मयकारी कोई और नहीं, क्योंकि यह न्याय, स्वतंत्रता, अधिकार, स्वामित्व, आदि सदृश अन्य सभी संकल्पनाओं में गण्य है। गत दो हजार वर्षों के दौरान, यूनानवासियों, प्राचीन यूनानी दर्शनशास्त्र के अध्येताओं, ईसाई पादरियों द्वारा समानता के अनेक आयामों का विस्तारपूर्वक प्रतिवादन किया गया, जिन्होंने भिन्न-भिन्न रूप से और सामूहिक रूप…